प्रकृति का संदेश Poem.

पवन कहता शीश उठाकर  तुम भी ऊँचे बन जाओ।  सागर कहता है लहराकर  मन मॅ गहराई लाओ।  पृथ्वी कहती धैर्य न छोडो  कितना ही हो सिर पर भारा...
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